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Showing posts from December, 2020

जिंदगी क्या है....

My Youtube channel.Subscribe please if you like it. अब एक प्रश्न और आता है कि अगर  सन्तोषम  परम् धनम    से आदमी खुश रह सकता है, सुखी  जीवन बिता सकता है तो फिर  इतनी कठोर परिश्रम करने की आवश्यकता क्या है   ?                  .....हम अपने जीवन मे जो कुछ भी करते है उसके पीछे कोई न कोई कारण जरूर होता है।चाहे वो हम अपने लिए करें या किसी और के लिए।जैसे कि हम  अपने दिनचर्या का नियमित पालन करते है जिससे हम निरोग   रह सके।निरोग अर्थात बीमारियों से मुक्त ।  मनुष्यों ने अपनी सुख सुविधाओं का काफी हद तक विकास और विस्तार किया ,जिससे वे एक आनंददायक जीवन बिता सके।हमारे जीवन मे सुख सुविधाओं का महत्व तभी है जब हम स्वस्थ्य है। स्वस्थ्य शरीर में ही स्वस्थ्य मस्तिष्क का विकास होता है।  या यूं कहें तो HEALTH IS WEALTH. ह मारे शरीर को रोग मुक्त रखने के लिये नियमित वयायाम जरुरी है ।जिस प्रकार हम अपनी शरीर को निरोग रखने के लिए मेहनत करते है ठीक उसी प्रकार ह म कठोर परिश्रम तभी करते हैं जब हमें अपने ...

जिंदगी क्या है ?

वैसे तो इस प्रश्न का उत्तर हर किसी के हिसाब से अलग हो सकता है। पर क्या आप सही मायने में अपने जीवन को जी पा रहे है जिसमे वो तमाम खुशियाँ है,जहाँ दुख का नाम मात्र तक नही।जहां किसी से कोई क्लेश तक नही। भाई-चारे का पाठ जहाँ हर कोई पढ़ा हो।एक दूसरे की मदद करने को हर कोई तैयार हो। ऊपर दी गयी तस्वीर यही बयां कर रही है कि आप अपने आप को कैसा देख-समझ रहे है ? पर अगर गौर किया जाए तो हमारी जिंदगी में इन सबके विपरीत परिस्थितियां चल रही है।सगे भाई एक दूसरे को देखना नही चाहते । जहाँ माता-पिता की सेवा करनी है वहां  हम उनका अपमान करते है। कोई भी वयक्ति किसी की मदद तो तैयार नहीं।परिस्थितियां कितनी भी विपरीत क्यों न हो पर किसी मे धैर्य   नही।  किस सुख की बात करे ;चेहरे पर मुस्कान तक नही रहती ।क्यों, क्योंकि कोई भी अपने आप मे संतुष्ट नही है।संस्कृत में एक कहावत है " सन्तोषम परम् धनम "। जहाँ तक मेरी अपनी राय है अगर मनुष्य इस बात को समझ जाये तो उसकी जीवन से दुख का संसार विलुप्त हो जाएगा। अब एक प्रश्न और आता है कि अगर सन्तोषम  परम् धनम   से आदमी खुश रह सकता है, स...