आज के इस काल्पनिक कहानी को पढ़ने के बाद अगर आपको कुछ कहना हो तो कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर दीजियेगा.आपके बहुमूल्य सुझावों का हम पूरे सम्मान के साथ स्वागत करते है. घर में खुशी का माहौल था. सभी बहुत खुश थे.इस खुशी का कारण भी अपने आप में बड़ा था. आखिरकार महेश के घर में चार बेटियों के बाद आज एक बेटे का जन्म जो हुआ था.परिवार मध्यमवर्गीय था.इसलिए चार बेटियों के लालन पालन की चिंता को भूलते हुए महेश पूरे हर्षों उल्लाश के साथ इस खुशी को अपने परिवार के साथ साथ गांव वालों के साथ जश्न मना रहा था. वैसे भी मध्यमवर्गीय परिवार खुशियां बाटने में कमी नही करता.भले ही उसके हिस्से में दुख ही क्यों न लिखा हो. मानवों की बटवारे में मध्यमवर्गीय परिवार को ज्यादा संघर्ष करना पड़ता है. महेश का पूरा परिवार कृषि पर आधारित था.इसलिए इनके जीवन में उत्तर चढ़ाव लाजमी था.चार बेटियों के बाद जन्म लेने के कारण लड़के का नाम दीपक रहा.मानो यह लड़का इस परिवार के लिये कुलदीपक के समान हो,खैर ये उनकी अपनी श्रद्धा ,विश्वाश था. समय बीतता गया, महेश ने एक एक करके चारों बेटियों की शादी कर देता है. लड़के को अपनी इस मध्यमवर्गीय...
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