एक अधूरी प्रेम कहानी
जिसमे राहुल और प्रिया एक दूसरे को चाहते तो है पर वक्त को कुछ और मंजूर था....
पिताजी खेत मे थे। माँ ने पूछा- बेटा कहाँ जा रहे हों?राहुल बस इतना ही बोला माँ मैं थोड़ी देर में वापस आ जाऊंगा।यह कहकर राहुल घर से निकल गया।वहाँ से सीधे कॉलेज में पहुँचा।दोस्तों से मिला फिर इधर उधर घूमने लगा ।शायद किसी को ढूंढ रहा था।तभी अचानक से उसे प्रिया दिखी ।वह खुश हो गया ।प्रिया उसी के क्लासमेट थी।राहुल फिर वो गुलाब का फूल अपने बैग से निकाला जिसे वो सुबह से ही छुपा कर रखा था।तब मैं समझा आज वैलेंटाइन डे है।तभी प्रिया वहाँ से कही चली गयी शायद अपने सहेलियों से मिलने।राहुल फिर से बेचैन हो गया ।उसे ढूंढने लगा आखिर गयी किधर।तभी प्रिया सड़क किनारे दुकान के तरफ जाते नजर आयी।राहुल वहाँ से तेज दौड़ते हुए भागा।पर किस्मत को कुछ और मंजूर था।राहुल जैसे ही सड़क पर आया ,तभी तेज रफ्तार गाड़ी उसे रौंदते हुए निकल गयी।टक्कर की आवाज सुनकर प्रिया पलट कर देखी उसके पैरों में गुलाब पड़े थे और कुछ दूर पर खून से लथपथ शरीर ।पास जाकर देखा तो राहुल था !वह सन्न रह गयी।उसे कुछ भी नही सूझ रहा था।आखिर ये क्या हो गया।क्योंकि उसे भी पता था राहुल उसे पसंद करता था और वैलेंटाइन डे को ही राहुल प्रपोज़ करने वाला था।इसलिए वह भी दुकान से कुछ गुलाब लेने गयी थी।राहुल के पास जाते ही प्रिया चिल्लाने लगी।बचाओ बचाओ कोई एम्बुलेंस को कॉल करो।
पूरी तरह खून में सना राहुल दर्द से कराहते हुए इतना ही बोला-HAPPY VALENTINE DAY PRIYAaaaaaaa
और सदा सदा के लिए शांत हो गया।
ना दिल लगा मेरे दोस्त,बड़ा ही दर्द मिलेगा प्यार में तुझे जख्म के सिवा कुछ न मिलेगा ।।
यू ही बदनाम नही है ये इश्क़ की गलियां , यू ही बदनाम नही है ये इश्क़ की गलियां जिंदगी रही तो फिर मिलेगा ।।
#एक अधूरी प्रेम कहानी
Comments
Post a Comment
Thank you.
How may I help you?
Contact us for any Query.